Thursday 4 November 2021

पंच दीपावली मुहूर्त

सौजन्य : आचार्य सोहन वेदपाठी, सिद्धपीठ दण्डी स्वामी मंदिर, लुधियाना मोबाइल 9463405098

धनतेरस से प्रारंभ होकर भैयादूज तक चलने वाला पांच दिनों का यह उत्सव 2 नवम्बर से प्रारम्भ होकर 6 नवम्बर 2021 तक चलेगा।
धनतेरस से चार दिवस दीपदान का विशेष महत्व है। अतः व्रज में सर्वत्र दीपदान और रोशनी की जाती है।

यमदीप दान - परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए धनतेरस को एक दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर सायंकाल में जलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि दीपदान से यमदेव प्रसन्न होते है और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते है।

नरक चतुर्दशी - नरक की यातनाओं से बचने के लिये पूर्व अरुणोदय कालिक चतुर्दशी में यह किया जाता है। इसमें प्रातःकाल सूर्योदय से पहले अरुणोदय काल में शरीर में तेल-उबटनादि लगाकर स्नान किया जाता है। जो कि इस वर्ष 3 नवम्बर की रात्रि अर्थात 4 नवम्बर को सूर्योदय से पहले होगा। 4 नवम्बर 2021 को सुबह 05:29 AM से 06:48 AM तक मुहूर्त होगा।

दीपावली - 4 नवम्बर 2021 को दीपावली है। इस दिन घर-प्रतिष्ठान वगैरह में साफ-सफाई करने बाद माँ लक्ष्मी की कृपाप्राप्ति के लिये सायंकाल प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ दीप जलाने का विधान है। दीपावली पूजन के लिये प्रदोष काल एवं वृषलग्न का विशेष महत्व है, जिसके अनुसार घर में दीप जलाने एवं पूजन हेतु 05:32 PM से 08:12 PM तक प्रदोष काल तथा 06:09 PM से 08:05 PM तक वृष लग्न में शुभ मुहूर्त है।
दूसरा मुहूर्त निशीथकाल में 08:12 PM से 10:51 PM तक विशेष पूजन  इत्यादि के लिये उपयुक्त होगा।

इसके अलावा भी व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं घर के लिये कुछ मुहूर्त है, जिन्हें प्रयोग में लाया जा सकता है। दिन में मुहूर्त- (चर, लाभ एवं अमृत की चौघड़िया में ) - 10:50 AM से 02:51 PM शुभ रहेगा।

सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर की चौघड़िया में ) - 04:11 PM से 08:52 PM तक शुभ रहेगा।

कालीपूजन - कार्तिक कृष्ण अमावस्या के निशाकाल में भगवती काली का पूजन किया जाता है। जिंदगी के तमाम निराशाजनक घोर अंधकार से छुटकारा पाने के लिये अवश्य माँ काली का पूजन करना चाहिये। पूजन का मुहूर्त 4 नवम्बर 2021 की रात्रि में 00:11 AM से 01:51 AM ( 5 नवम्बर) तक लाभ की चौघड़िया एवं महानिशीथकाल में होगा।

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। इस दिन गेहूँ, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है। यह पर्व 5 नवम्बर 2021 को मनाया जायेगा। इसी दिन बलि का पूजन भी किया जाता है।

भैयादूज या यमद्वितीया - कार्तिक शुक्ल द्वितीया 6 नवम्बर 2021 को अपराह्नकाल में मनाया जायेगा। भैय्या दूज पर, बहनें अपने भाइयों को टीका करके, उनके लम्बे और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार प्रदान करते हैं। 

5 नवम्बर को विश्वकर्मा दिवस मनाया जायेगा एवं 6 नवम्बर को विश्वकर्मा पूजन किया जायेगा। इस दिन यमुना जी में स्नान एवं कलम-दवात का पूजन भी किया जायेगा।

सूचना- लुधियाना, जालंधर, चंडीगढ़ एवं आसपास के नगरों के लिये समय दिया गया है।