पश्चिमी सभ्यता के लोग 25 दिसम्बर (क्रिसमस दिवस) को बड़ा दिन मानते है। क्योंकि ये सभी देश मकर रेखा के आस - पास स्थित हैं। जबकि हम भारतीय लोग कर्क रेखा पर स्थित है। हमारे लिये बड़ा दिन 21 जून (सायन सूर्य के अनुसार कर्क संक्रांति वाले दिन ) को होता है। जबकि मकर रेखा के आसपास (सायन सूर्य के अनुसार मकर संक्रांति वाले दिन से ) स्थित देशों में भी 22 दिसंबर को बड़े दिन का शुरुआत होता है। पृथ्वी के अक्ष विचलन के कारण यह तारीख बदलते रहता है। कालांतर में कभी 25 दिसम्बर को होता रहा होगा। जबकि वर्तमान में यह 22 दिसंबर को पड़ता है।
कैलेंडर और ग्रह पर आधारित पंचांग में यह फर्क है। कैलेंडर कुछ समय बाद गणना में प्रतिकूल हो सकता है, जबकि पंचांग हमेशा अनुकूल रहा है और रहेगा भी। अपनी संस्कृति को जाने और गर्वपूर्वक अपनायें भी।
फिर हमारे लिये 25 दिसम्बर का क्या महत्व ?आचार्य सोहन वेदपाठी, लुधियाना 9463405098
ऐसा इसलिए हम करते है कि हमलोग पश्चिमी सभ्यता के इतने नकलची हो गए कि अपना सुध ही नहीं है।
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